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सहकार भारती आज एक वटवृक्ष बनकर देश में सहकारिता को सशक्त बनाने में अहम योगदान दे रहा है: अमित जी शाह

भारतीय परंपरा के अनुसार सहकार भारती अधिवेशन का उद्घाटन सत्र श्री गणेश दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। माननीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदरणीय योगी आदित्यनाथ तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार जी सहित सहकार भारती के पदाधिकारी एवं अन्य मंच अतिथियों ने दीप ज्योति प्रज्वलित की।

सहकार भारती के राष्ट्रिय महामंत्री डा। उदय जोशी जी ने कार्यक्रम का प्रास्ताविक करते हुए प्रधानमातृ नरेंद्र मोदी जी के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होने कहा मोदी जी द्वारा की सहकारिता मंत्रालय का निर्माण एक विशेष पहल है। उन्होने कहा ही सहकारिता से संबन्धित कानून मे आवशक बदल अपेक्षित है। सहकारिता का नीतिनिर्धारण भी आवश्यक गतिविधी बन गई है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी वे विशेष अतिथि के रूप मे अपने विचार रखे। योगिजी ने कहा की, योगी ने कहा है की, ‘सहकारिता भारत की आत्मा है।’ इसका दर्शन गांव-गांव में होने वाले आयोजनों के माध्यम से कर सकते हैं, जिसमें प्रशासन या शासन की कोई सहभागिता नहीं होती है। उन्होने आगे कहा की, वर्ष 2017 के पहले उत्तर प्रदेश में सहकारिता की स्थिति क्या थी? रिजर्व बैंक ने 16 से अधिक कोआपरेटिव बैंकों के लाइसेंस जब्त कर लिए थे।
पिछली सरकार में बैठे लोग सहकारिता विभाग को पूरी तरह जकड़े हुए थे और जनता का शोषण करते थे। किसानों, मजदूरों व महिलाओं के स्वावलंबन की बात तो दूर, वहां पर कॉमन मैन की जमा पूंजी भी सुरक्षित नहीं रह पाती थी। वर्ष 2017 के बाद अब कोआपरेटिव बैंक एक बार फिर से विश्वसनीयता पर खरे उतरते हुए दिखाई दे रहे हैं।
उन्होने आगे कहा की यज्ञ सहकारिता का आदर्श उदाहरण है। यज्ञ में न भेदभाव होता है, न कोई ऊंच-नीच का भाव होता है। यज्ञ समाज को जोड़ता है।
लोग आपस में मिल-बांटकर अपनी क्षमता व योग्यता के आधार पर आयोजन में योगदान देते हैं और उसे संपन्न करते हैं। संस्कार है तो संस्कृति है और संस्कृति है तो राष्ट्र की एकता व अखंडता की गारंटी है।
‘सहकारिता आंदोलन’ मुट्ठी भर लोगों की माफियागिरी का शिकार हो चुका था।

देश के पहले सहकारिता मंत्री एवं भारत के गृहमंत्री अमित शहा जी ने उदघाटन करते हुए सहकार भारती के 7वें राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित किया। उन्होने सहकार भारती की प्रशंसा करते हुए कहा की, लगभग 27 प्रदेश, 600 जिलों में सहकारिता के विभिन्न क्षेत्रों में सहकार भारती ने अपने काम को पहुंचाया है, एक छोटा सा बीज जो बोया गया था वो आज वटवृक्ष बनकर देश में सहकारिता को सशक्त बनाने में अहम योगदान दे रहा है।मोदीजी का मानना है कि सहकारिता के बैगर देश का समविकास असंभव है। हर व्यक्ति का समान विकास न कम्युनिस्ट न पूंजीवादी थ्योरी से हो सकता है यह सिर्फ सहकारिता से हो सकता है व इसी मॉडल को हमें आगे बढ़ाना है।और सहकारिता क्षेत्र के साथ अब कोई भी दोयम दर्जे का व्यवहार नहीं कर पाएगा।

अमित जी ने कहा की मैं मानता हूँ कि सहकारिता मंत्री मात्र एक पद नहीं एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। कई महानुभावों ने जो एक समृद्ध परंपरा शुरू की है, जिस प्रकार से सहकारिता को भारत की आत्मा के साथ जोड़ने का काम किया है उस यात्रा को हमें नई दिशा व गति देकर आगे बढ़ाने का प्रयास करना है।

इससे पूर्व, सहकार भारती के 7 वां राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ ध्वजारोहण कर किया गया। जिसमें मुख्य रूप सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रमेशजी वैद्य,राष्ट्रीय महामंत्री उदय जोशी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीनानाथ ठाकुर और अन्य सहकार भारती के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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